www.hamareesuno.com

रविवार, 1 अगस्त 2010

चश्मा पहनना जरुरी है

आप सबो को यह पढ़ कर जरा अजीब लग रहा होगा, की एक तरफ तो रामदेव बाबा सबो का चश्मा उतरने में लगे हैं और मैं पहनने की सलाह दे रहा हूँ। क्या करूँ कुछ महानुभाओं से परेसान सा हूँ कुछ लोग हैं जो सीधी सी बात को समझ ही नहीं सकते हैं, हर समस्या के लिए तो हम सभी बड़ी आसानी से अपनी सरकार को दोसी साबित करने में लगे रहते हैं, लेकिन क्या कभी हम अपनी अधिकार के साथ कर्तब्य की बात करते हैं। एक छोटी पर बहुत बड़ी समस्या हमारे देस में गंदगी की है चारो तरफ गंदगी का अम्बार फैला रहता है जिसके भागीदार कही न कहीं हम भी हैं लेकिन हमें इसकी चिंता कहाँ है, हम तो बस एक ही चीज़ सीखे हैं वो है दोस लगाना, गलतिया निकलना, हमारा अपने शहर अपने देश के प्रति क्या ड्यूटी है इससे तो हमें कोई सरोकार ही नहीं है, जहा मन किया गन्दा फेक दिया, जहा मन किया पेसाब कर दिया जैसे लगता है, शहर सहर नहीं श्व्चालाये हो, अरे भाई पहले की बात थी की लोग कम पढ़े लिखे होते थे या अनपढ़, लेकिन ये पढ़े लिखे लोगो को कैसे समझाया जाये, जरा आप बताएं तो मैं उसका अनुसरण करूँगा। हर कम समाये पर हो इसके लिए हम दुसरो पर क्यों आश्रित होते हैं, हमारा टाइम अपना है उसका सदुपयोग हामी कर सकते हैं और कुछ अच्छा कर के हम अंतत अपनी ही मदद करते हैं। तो फिर देर किस बात की हमारी सुनो, खुद अमल करो।

बुधवार, 30 जून 2010

छमा चाहता हूँ

प्रिय दोस्तों, मैं आप सब से माफी मांगता हूँ की काफी बिलम्ब से मैं आप सब की टिप्पणी का जवाब दे रहा हूँ , अब क्या बताऊँ मैं जरा दुसरे काम में व्यस्त हो गया था- लेकिन आज वादा करता हूँ की अब लगातार संपर्क में रहूँगा, मैं आप सब ब्लॉगर भाई जिन्होंने मुझे टिप्पणी भेजा है उनका तहे दिल से धन्येवाद देता हूँ की आप ने मेरा उचित मार्गदर्शन किया है।

शुक्रवार, 14 मई 2010

करियर सलेक्सन

दोस्तों हम हमेशा अपने करियर को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। खास कर १०वी व् १२वी के विद्यार्थी ज्यादा, क्योंकि यही समय होता जहा से उनके भविष्य की पहली सीडी की शुरुआत होती है, कभी कभी होता क्या है हम अपने दोस्तों की देखा देखी या अपने बड़ो की दबाव में कोई ऐसे कोर्स में दाखिला ले लेते हैं जो कही से हमारे लिए नहीं होता है यह बात हमें तब समझ में आती है जब हम उसमे कमजोर पड़ने लगते हैं। मैं यह नहीं कहता की आप बड़ो की बात नहीं सुनना चाहिए, लेकिन मेरा मानना है की अगर आपके पास कोई योजना है तो उसे सामने रखे। क्योंकि जैसा मैंने पहले भी कहा है की करियर का चुनाव एक बार होता है, जरुरी यह है आप अपनी आकांछा को सब के सामने लायें, लेकिन पूरी प्लानिंग के साथ।

शुक्रवार, 12 मार्च 2010

दुःख में रहो खुश

हर कदम पर रोड़े हैं मुसीबत तो हर वक्त हमारे साथ है एक पल अगर ख़ुशी मिले तो दुःख तो यु ही दूर होजायेगा, दुःख दुःख तो सभी करते हैं दुःख में भी अगर सुख का अहसास जो करे समझो ओ सबसे सुखी इन्सान है, क्या कहते हैं आप